कोयला खदान प्रभावित किसानों ने कलेक्टर से की धान वाशरी लगाने की मांग… कोयले से काली हुई धान को खरीदी केंद्रों में किया जा रहा रिजेक्ट
रायगढ़। कोयला प्रभावित क्षेत्र तमनार के किसानों के लिए हर तरफ समस्या ही समस्या नजर आ रही है कोयले के प्रदूषण से किसानों की धान काले होने के बाद अब धान खरीदी केंद्रों में उनके धान नहीं लिए जा रहे हैं। ऐसे में प्रभावित क्षेत्र के आधे दर्जन गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर से अब धान वाशरी खोलने की मांग कर दी है । इसके लिए ग्रामीणों ने एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम सौंपा है ।
यहां बता दें कि 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर छत्तीसगढ़ में धान खरीदी चालू है ऐसे में रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र के दर्जनभर गांव में किसान धान का फसल तो ले रहे हैं लेकिन कोयला खदान के प्रदूषण के कारण उनके ध्यान भी काले हो गए हैं ऐसे में धान खरीदी केंद्रों में इन किसानों के धान रिजेक्ट कर दिए जा रहे हैं किसान हलाकान हो चुके हैं । किसानों ने कलेक्टर रायगढ़ को पत्र लिखकर कोल वाशरी की तर्ज पर धान वाशरी लगाने की मांग कर दी है ताकि वे अपने धान को धोकर के धान खरीदी केंद्रों में ले जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि कोयले के कारण किसानों की धान काली पड़ जाने की वजह से धान खरीदी खरीदी केंद्र द्वारा धान नहीं लिया जा रहा है जिसके लिए किसानों की मांग है कोल वाशरी की तरह धान वाशरी का भी गांवों में प्लांट लगाया जाए। जिससे किसान अपने उत्पादक धान को धोकर धान खरीदी समिति को दे सकें। ग्राम गारे, सराईटोला, पाता, मूडागांव, बजरमूडा, करवाही, डोलेसरा, कोडकेल, बांधापाली, कुंजेमूरा व सारसंमाल कोयला प्रभावित किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।