उद्योगों की रायगढ़ में फर्जी कागजों पर जनसुनवाई या बंद हो, पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने मांग की
रायगढ़ पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल ने उद्योग के ऊपर रायपुर और रायगढ़ के अधिकारी आखिर मेहरबान क्यों है पर्यावरण विभाग पर्यावरण की रक्षा करना आम आदमी को प्रदूषण से बचाने के लिए खोला गया है किंतु यह विभाग खाली उद्योगों को एनओसी देकर पूरे जिले में प्रदूषण फैलाने का काम कर रहा है उद्योग से पहले तो इस पर्यावरण विभाग में ताला लगना चाहिए जो उद्योगों से विस्तारीकरण एवं उद्योग लगाने के लिए करोड़ों रुपए का लेन-देन करता है बजरंग मुख्यमंत्री मांग की है जिले में 2020 एवं 2021 में जनसुनवाई हो हुई है सब रद्द करके प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के ऊपर ताला लगवाएं एवं सिंगल इंटरप्राइजेज जिसके ऊपर पानी का लाखों रुपए का टैक्स बचा हुआ है फिर ऐसे उद्योगों को जनसुनवाई क्यों की जा रही हैप्रदूषित उद्योग में सुमार सिंघल इंटरप्राइजेस तराईमाल गेरवानी का इस कोरोना काल मे क्षमता विस्तार की जन सुनवाई आगामी 28 जुलाई को रखी गई है। इससे पहले हुई जनसुनवाई में भारी बवाल मचा था। कम्पनी पर लगातार आरोप लगता रहा है कि इसने कभी अपने ईएसपी को चालू नहीं किया, जिसके कारण यह जिले के सबसे प्रदूषण कारी संयंत्र के नाम से जाना जाता है। अब क्षमता विस्तार के बाद यह प्लांट 16 मेगावाट की जगह 40 मेगावाट का हो जाएगा। आक्रोश की ज्वाला गेरवानी सहित प्रभावित गांवों में देखी जा रही है। सिंघल इंटरप्राइजेज फेक्ट्री ने अपने बेतहाशा कमाई के चक्कर मे पुरे क्षेत्र को प्रदूषित कर दिया है। जिसमे अंचल के प्रसिद्ध माँ बंजारी तीर्थ स्थल को भी नहीं छोड़ा। हर दिन इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते है लेकिन सिंघल इंटरप्राइजेज फेक्ट्री द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण से वे बेहाल हो जाते हैं। इसकी कई शिकायत भी मंदिर प्रबंधन द्वारा की जा चुकी है। अब इसी मंदिर से लगे मैदान में और अधिक क्षमता विस्तार वीडियो जनसुनवाई रखी गई है। सिंघल इंटरप्राइजेज रायगढ़ अंबिकापुर नेशनल हाईवे पर तराईमाल गेरवानी के पास सड़क मार्ग से लगा हुआ प्लांट है इस प्लांट में अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कोई भी कार्य नहीं किया जिसके कारण एनएच 3 किलोमीटर तक हाल हो गया है प्लांट के अंदर आने वाली भारी वाहन इस सड़क को पूरी तरह से जर्जर कर दिया है बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण इस प्लांट के सामने आए दिन बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं होती है क्षेत्र के लोगों ने कई बार प्रबंधन से सड़क की मरम्मत की मांग की लेकिन प्लांट आज भी बदस्तूर सड़क को खराब करने का सिलसिला जारी है अब क्षमता विस्तार के बाद इस मार्ग की सड़क की नहीं बचेगी अजी संभावना क्षेत्र के लोग बता रहे। ये गांव होंगे बुरी तरह प्रभावित सिंघल इंटरप्राइजेज प्लांट के क्षमता विस्तार से जो गांव बुरी तरह से प्रभावित होंगे उनमें तराईमाल, गेरवानी, सरायपाली, उज्जवलपुर, देलारी, गौरमुडी, पूंजीपथरा शिवपुरी, जामडीह, तुमीडीह, बड़गांव, भैंसगड़ी, गोरखामुड़ा, रातरोठ, छिंदभौना, बरबहेली तमनार आदि शामिल हैं। पूर्व में प्लांट स्थापित होते समय जब जन सुनवाई हुई थी तब इस गांव के लोगों ने सिंघल इंटरप्राइजेज का जमकर विरोध किया था। जब गांव वाले उद्योग का विस्तारीकरण नहीं चाह रहे हैं तो विस्तारीकरण करने का आदेश क्यों दे रहा है