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सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद भी करोड़पति पटवारी शिवानन्द गिरी को पकड़ने में रायगढ़ जिले की पुलिस नाकामयाब….मिश्रा चेम्बर ने ई0डी0 से जांच व गिरफ्तारी के लिये शासन को दिया कानूनी नोटिस

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रायगढ़। सरकारी पोर्टल भुइयां में शासकीय भूमि को भूमि स्वामी हक की जमीन दर्शाकर इसे बिकवा कर आनलाइन करोड़ो रूपए की ठगी करने वाले घरघोड़ा तहसील के पटवारी शिवानन्द गिरी को रायगढ़ जिले की पुलिस ने सत्र न्यायालय और हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद भी गिरफ्तार नहीं किया था बल्कि उसे सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत कराने के लिये कई माह का मौका दे दिया था जबकि पीड़ित पक्ष इस जालसाज पटवारी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दर-दर भटकता रहा लेकिन रायगढ़ जिले की पुलिस के आला अधिकारी करोड़पति पटवारी के मददगार बने रहे लेकिन जब पुलिस और पटवारी के इस प्रभाव की जानकारी पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दिया, तो भारत की सबसे बड़ी अदालत ने प्रारंभिक सुनवाई में ही जालसाज पटवारी शिवानन्द गिरी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया परंतु आश्चर्य की बात है कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद भी रायगढ़ जिले की पुलिस ने न तो पटवारी को गिरफ्तार किया, न ही उसकी पत्नी, भाई, पुत्र एवं रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई बेनामी सम्पत्ति की जांच किया, न ही इन सम्पत्तियों को कुर्क किया क्योंकि अपुष्ट जानकारी के अनुसार आन लाइन ठगी के इस गिरोह में प्रदेश की कई बड़ी हस्तियों का कमीशन कई सालों से बंधा था जिनकी छत्र छाया में सरकारी पोर्टल के मार्फत करोड़ो रुपए की आन लाइन ठगी का धंधा फल -फूल रहा था और जनता लगातार ठगी का षिकार हो रही थी ।
इस मामले में हुए भ्रष्टाचार की काली कमाई की बारीकी से जांच कराने के लिये पीड़ित पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा-आशीष कुमार मिश्रा द्वारा शासन को नोटिस जारी कर दी गई है एवं अब मिश्रा चेंबर द्वारा पीड़ित पक्ष की तरफ से इस मामले में ई.डी. इन्क्वायरी के लिये हाई कोर्ट में रिट पिटीशन पेश करने की तैयारी की जा रही है, ताकि काली कमाई में शामिल और भी सफेद पोशों का चेहरा सामने लाया जा सके और उनके रिश्तेदारों की बेनामी सम्पत्ति की सच्चाई को अदालत के सामने उजागर किया जा सके ।
ज्ञातव्य हो कि वर्षों से चल रहे आन लाइन ठगी के इस गोरख धंधे से एक ओर जहां कई दर्जन लोग की गाढ़ी कमाई डूब गई वहीं दूसरी ओर यह जन चर्चा है कि सरकारी अफसरों ने इस पैसे से अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर अथाह बेनामी सम्पत्ति अर्जित कर लिया इसलिये इस मामले में ई. डी. का दखल जरूरी हो गया है।
पीड़ित के वकील सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा ने कहा है कि ई.डी. की जांच से ही सही ढंग से यह खुलासा हो सकेगा कि इस अनोखे अपराध के खेल का मास्टर माइंड पटवारी शिवानन्द गिरी है अथवा वह किसी और मदारी की कठपुतली मात्र है।

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