वैश्वविक महामारी और लाकडाऊन के दौर मे आसमान छुती मंहगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है – जिला कांग्रेस
रायगढ , 7 जून
केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार की पिछले 7 वर्षों की नाकामी असफलता और वादाखिलाफी के लिए जिला कांग्रेस कमेटी शहर एवं ग्रामीण के अध्यक्ष द्वय अनिल शुक्ला एवं अरूण मालाकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा से लोकसभा चुनाव 2019 में जारी उनके संकल्प पत्र में उल्लेखित विभिन्न संकल्पों का जवाब मांगा गया है साथ ही इनकी वादाखिलाफी नाकामी और असफलता के बारे में तथ्यात्मक जानकारी ग्राम, शहर ,कस्बों व गली मोहल्ले में जन जन तक पहुंचाने के लिए सभी काँग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी भी दी गई है। भाजपा से जिन सवालों का जवाब मांगा गया है वे हैं –
1. क्या किसानों की आय दोगुनी हुयी ?
2.क्या प्रति वर्ष 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला ?
3. खाद-बीज की कीमते क्यों बढी ?
4. क्या छोटे व सीमांत किसानों (60वर्ष के उपर) को पेंशन मिला ?
5. क्या हर भारतीयों को कोरोना का वैक्सीन उपलब्ध हुआ ?
6. क्या हर भारतीय के खाते में 15 लाख आया ?
7. मुफ्त कोरोना वैक्सीन के लिए रखा 35000 करोड़ रु कहाँ गया ?
8 क्या पेट्रोल / डीजल की कीमते 30रू. हुवी ?
9 क्या रसोई गैस की कीमतें कम हुयी ?”
10. नोटबंदी एवं जीएसटी से क्या फायदा हुया ?
11. क्या काला धन वापस आया और आया तो कितना ? 12 क्या अच्छे दिन आ गये ? 13.देश नहीं बिकने दूंगा कहने वाले ने रेल, भेल, सेल सहित पूरे देश को क्यों बेचा ?
14. प्रधानमंत्री केयर फंड से घटिया वेन्टिलेटर खरीद में भ्रष्टाचार करने में कौन जिम्मेदार है?
15 क्या डॉलर रुपये के बराबर गया ?
16 क्या युवा उद्यमियों को आठ लाख तक कोलेटरल मुक्त ऋण मिला, कितनों को मिला ?
17. क्या नोटबंदी से आतंकवाद / नक्सलवाद खत्म हुआ ?
17. नदियों में बहने वाली लाशों के लिए कौन जिम्मेदार है ?
18. गए वर्ष कोरोनाकाल में दिया गया 20लाख करोड़ का पैकेज कहां गया ?
19.कोरोना के पहले लॉक डाउन में करोड़ो प्रवासी मजदूरों की पीड़ा के लिए मोदी जी
जिम्मेदार नहीं है ?
20. कोरोना के दूसरी लहर की चेतावनी देने के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं है?
21. देश में दवाओं और ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से गई लाखों जानने के लिए मोदी के अलावा कौन जिम्मेदार है ?
इन सब सवालों का जवाब कांग्रेस पूछना चाहती है मोदी सरकार से क्योंकि उनकी नाकामियों से / असफलताओं से / मंहगाई और बादाखिलाफी से देश के लोगों में निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है। मोदी सरकार ने अपने इस वादाखिलाफी से देश और प्रदेश की आम जनता सहित समाज के सभी वर्गों के साथ विश्वासघात किया है, जिससे देश में रोष व्याप्त है फलस्वरूप देश मे सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है । वहीं मोदी सरकार अपनी खोखली उपलब्धियों का गुणगान कर जनता से चुनाव में किये गये घोशाणाओं से वादाखिलाफी कर एक धोखेबाज, अविश्वसनीय सरकार के रूप में स्थापित है और आम जनता के बीच अपना विश्वास खो चुकी है।
जिला कांग्रेस कमेटी के रायगढ शहर/ग्रामीण अध्यक्ष अनिल शुक्ला अरुण मालाकार ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उपरोक्त सवालों का जवाब भाजपा से मांगते हुए आगे बताया कि-
मोदी सरकार सिर्फ जुमलों की और झूठ बोलने वाली सरकार है: भाजपा की सरकार को 30 मई को सात साल पूरे हो गए एक कार्यकाल पूरा और दो साल दूसरे कार्यकाल के इन सात वर्षों में नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में जो कार्य किए वो एक बार नहीं बल्कि बार बार जनता को गहरी पीड़ा में डालने वाले रहे हैं जो वादे प्रधानमंत्री बनने से पहले किए गए आज सरकार बिल्कुल उसके उलट जाती हुई दिख रही है चाहे वह महगाई की मार नारीशक्ति पर अत्याचार हो या फिर भ्रष्टाचार हो अबकी बार मोदी सरकार कहने वाली भारतीय जनता पार्टी आज नरेंद्र मोदी जी के किसी भी वादे पर बात करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस पार्टी इन सात सालों को भारत देश के काले अध्याय के रूप में देखती है और जानती है कि बचे तीन वर्षों में नरेंद्र मोदी जी के पास देश के भलाई के लिए न कोई कार्ययोजना है और न उनकी मंशा ही इस देश की भलाई की हैं वे बस अपनी छवि को लेकर चिंतित नजर आते हैं ।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और हमारे नेता राहुल गांधी जी ने नरेंद्र मोदी जी के लिए अब तक जो उपमाएं दी है वह सटीक साबित हुई है, चाहे वह सूट बूट की सरकार हो, चौकीदार चोर है पूरे सदन मे जब राहुल जी ने मोदी जी की सरकार को हम दो हमारे दो की सरकार कहा तो सदन में मौजूद सभी सम्माननीय सांसदों को यह समझने में तनिक भी देर नहीं लगी कि राहुल जी का इशारा किस और है।
इस प्रकार मोदी जी के 7 सालों की कारगुजारी सबके सामने है हमने खुलकर सवाल किए है और हम भाजपा से खुलकर ही जवाब चाहते है क्योंकि देश भी इन सवालों का जवाब तलाश रहा है और विपक्ष में होने के नाते देश को इनकी बीते 7 सालों के दौरान की तमाम कारगुजारियों की जानकारी देना हमारा प्राथमिक कर्त्तव्य बनता है ।