लॉक डाउन खुला लेकिन तीसरी लहर से बचने सहजता जरूरी :- पूनम सोलंकी … सामूहिक सहयोग हेतु चाईल्ड केयर व कोविड सेन्टर विकसित करें
रायगढ :- आगामी तीन महीनों के अंदर भारत सरकार के पास टिके के लिए 15 करोड़ वैक्सीन होने की सुखद जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेत्री पूनम सोंलकी ने द्वितीय लहर में खोए परिजनों के प्रति श्रद्धान्जलि अर्पित करते हुए कहा कि दूसरी लहर का उफान धीमा पड़ा लेकिन अभी खतरा पूरी तरह से नही टला है l लॉक डाउन खुलने के बाद भी सजगता आवश्यक है l सोशल डिस्टेंस मास्क व हैंड सेनेजटाइज का उपयोग संक्रमण को फैंलने से रोकने में मददगार साबित होगा l आने वाले कुछ महीनों में टिका लगने के पहले तक हर आदमी को कोरोना से बचने के लिए स्वयं को आत्मनिर्भर बनाना होगा l कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संसाधनों की कमी की वजह से हमने अपने परिजनों को असमय ही खो दिया है l दो माह के लॉक डाउन की वजह से दूसरी लहर के वेग को कम किया जा सका l लंबे अंतराल के बाद लॉक डाउन हट गया लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने हमारी जवाबदेही अधिक हो जाएगी l शहरी क्षेत्र में कॉलोनियां रिक्त पड़े स्थल की क्षमता के अनुसार दस से बीस बेड का चाइल्ड केयर व कोविड सेंटर विकसित करें l जिसमे आक्सीजन बेड व वेंटिलेटर की समुचित व्यवस्था हो l चूँकि सोशल गैदरिंग पर रोक है कॉलोनियों के कम्युनिटी हाल का इस हेतु समुचित उपयोग भी किया जा सकता l जिसमे कोविड मरीजो को तत्काल पृथक रखा जा सके वहाँ उनके भोजन व प्रारंभिक इलाज की समुचित व्यवस्था हो l जिला प्रसाशन भी कालोनियों में कोविड सेंटर के लिए सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करें l समय रहते इस तरह की तैयारी हो गई तो निजी व सरकारी चिकित्सालय पर हमारी निर्भरता कम हो सकेगी l दूसरी लहर के दौरान बेड आक्सीजन व दवाइयों की कमीकी वजह से बहुत लोगो का असमय निधन हो गया l इस दिशा में पहल करने से सरकार पर इलाज का भार कम होगा व अनियंत्रित स्थिति से बचा जा सकता है l साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में भी रिक्त पड़े सामुदायिक भवन को कोविड सेंटर के रूप में विकसित किया जाए l जिला पंचायत इसके लिए मददगार भूमिका का निर्वहन करे l कोरोना मुक्त भारत की कल्पना के यज्ञ को सफल करने के लिए हर देश वासी को अपने दायित्वो की छोटी आहुति देनी होगी l मॉस्क सोशल डिस्टेंस व सेनेटाइजर का उपयोग संक्रमण से बचाएगा वही छोटे छोटे कोविड सेंटर इस महामारी को फैंलने व मरीजो की जान बचाने में अहम भूमिका निभाएंगे l निजी स्कूलों वैवाहिक घरों धर्मशालाओं को भी अपने परिसर में कोविड सेंटर के लिए सहमति देना चाहिए l स्कूलों में अध्ययनरत बच्चो के पालकों को यदि केवल बेड भी मिल जाये तो स्कूल प्रबंधन के प्रति पालकों के हॄदय में सहानुभूति होगी l कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सक पुलिस शिक्षक स्वास्थ कर्मी के साथ साथ आम आदमी भी अपनी सहभागिता निभाये तो कोरोना मुक्त भारत की कल्पना साकार हो सकेगी l