रायगढ़। जिला मुख्यालय में मोबाईल एप में युवती से दोस्ती कर अपने परिचित के घर ले जाकर कई बार दुष्कर्म करने और अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने की धमकी देने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आज आरोपी को दस साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि कोतवाली थाना क्षेत्र के ढिमरापुर क्षेत्र में रहने वाला बबलू सरोज 29 साल का 2019 में पीडि़ता के साथ मोबाईल एप के माध्यम से परिचय हुआ। दोनों पहली बार शहर के कचहरी के पीछे तालाब के आसपास मिले। बाद में दोनों आपस में लगातार मिलते थे। इसी बीच मई 2019 को जब पीडि़ता कॉलेज जा रही थी। इस दौरान सुबह करीब 11 बजे आरोपी उसे अपने मोटर सायकल में बैठाकर अपनी मुंह बोली बहन के घर ले गया और जबरदस्ती पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद आरोपी सबको बता दूंगा कहकर उसे डराते धमकाते हुए फिर से बलात्कार किया और इसी दौरान उसकी अश्लील फोटो खींच लिया था।
2019 में पीडि़ता को कोतरारोड क्षेत्र में ले जाकर फिर से उसके साथ दुष्कर्म किया और आरोपी बबलू सरोज पीडि़ता के मोबाईल नंबर पर अश्लील फोटो उसे वाट्सअप पर भेज दिया। वर्ष 2019 में गर्मी माह में पीडि़ता की शादी की बातचीत जब एक युवक से चल रही थी। तब आरोपी ने पीडि़ता की अश्लील फोटो लडक़े पक्ष को भेज दिया। उसके बाद आरोपी खुद के साथ पीडि़ता को शादी करने का दबाव डालने लगा और दूसरे किसी से शादी नहीं करने देने की धमकी देने लगा। यही नहीं वह पीडि़ता की अश्लील फोटो को फेसबुक और वाट्सअप और इंस्टाग्राम में भेजकर पीडि़ता को बदनाम कर रहा था। मना करने के बाद भी वह नहीं मान रहा था।
ऐसे में आरोपी के पक्ष की ओर से यह तर्क दिया गया कि मोबाईल का उपयोग आरोपी द्वारा किया जाता था इस संबंध में कोई जांच नहीं किया गया है, लेकिन इस पर कोई विवाद नहीं है कि आरोपी से जप्त मोबाईल का उपयोग उसी के द्वारा किया जाता था। वह मोबाईल आरोपी का ही है, पर इस संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है, लेकिन प्रकरण में यह भी स्पष्ट है कि यह मोबाईल आरोपी से ही जप्त किया गया है। ऐसे में यह माना जाएगा कि उक्त मोबाईल आरोपी का ही है एवं उसका उपयोग उसी के द्वारा किया जाता था। इस प्रकार प्रकरण में आए साक्ष्य से यह प्रमाणित पाया गया कि आरोपी द्वारा पीडि़ता की सहमति के बिना उसकी अश्लील तस्वीर व विडियो पीडि़ता को प्रताडि़त करने के आशय से लिया और उसे पीडि़ता एवं अन्य को भेज दिया। जिसके बाद आरोपी बबलू सरोज को धारा 376, 509 ख एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा -66 ई एवं 67 क के अपराध में दोषी पाया गया। ऐसे में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा दुष्कर्म के मामले में 10 साल का सश्रम कारावास और दुष्कर्म समेत अलग अलग धाराओं में 20 हजार रूपए का अर्थदंड से दण्डित किया गया है। उक्त मामले की पैरवी अपरलोक अभियोजक हरीलाल पटेल ने की है.