रायगढ़। नेशनल हाईवे स्थित कांशीराम चौक का ब्लैक स्पॉट अब शहर के राहगीरों के लिए “डेथ जोन” बन चुका है। भारी वाहनों की बेतरतीब पार्किंग और प्रशासन की लापरवाही ने इस क्षेत्र को हादसों का केंद्र बना दिया है। ट्रांसपोर्टरों की मनमानी और यातायात विभाग की अनदेखी के कारण आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय निवासियों और राहगीरों के मुताबिक बड़े हादसों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठ गए हैं, अधिकारी और किस बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है
ब्लैक स्पॉट पर भारी वाहनों का कब्जा
चौक पर हर दिन दर्जनों भारी वाहन खड़े रहते हैं। इनमें ओवरलोडेड सीमेंट ट्रक और महिंद्रा गोदाम से जुड़े वाहनों की संख्या अधिक है। खासकर बारिश के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब गोदामों में सामान खाली नहीं हो पाता और ट्रक 2-3 दिन तक सड़क पर खड़े रहते हैं। यह न केवल यातायात बाधित करता है, बल्कि राहगीरों की जान को भी खतरे में डालता है।
यातायात सिग्नल और नो-पार्किंग बोर्ड दिखावा
कुछ समय पहले यातायात विभाग ने औपचारिकता पूरी करते हुए नो-पार्किंग बोर्ड लगाए और सिग्नल सिस्टम लगाया था। लेकिन हकीकत यह है कि ये सभी व्यवस्थाएं केवल कागजों तक सीमित हैं। सिग्नल तो लगाए गए, पर उनकी नियमित निगरानी नहीं होती। नतीजा यह है कि ट्रांसपोर्टरों के बेखौफ रवैये के कारण इन सिग्नलों का कोई मतलब नहीं रह गया है।
प्रशासन की चुप्पी और जनता का आक्रोश
स्थानीय निवासी प्रशासन की अनदेखी से आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्टरों की मनमानी और प्रशासन की उदासीनता ने इस क्षेत्र को खतरनाक बना दिया है। संस्कार पब्लिक स्कूल के पास से आने-जाने वाले छात्र और राहगीर रोजाना इस समस्या का सामना करते हैं।
क्या बड़े हादसे का इंतजार ?
सवाल यह है कि आखिर जिम्मेदार कब जागेंगे? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है? अगर समय रहते इन वाहनों पर सख्ती नहीं की गई, तो इस लापरवाही का नतीजा बेहद खतरनाक हो सकता है।
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