
रायगढ़। तमनार समिति में धान की बोगस खरीदी मामले में बुधवार को एफआईआर दर्ज की गई है। भौतिक सत्यापन में पता चला कि 81 लाख की कीमत का धान बिना लाए ही सॉफ्टवेयर में एंट्री कर ली गई। तमनार थाने में प्रबंधक निलाद्री पटनायक समेत ऑपरेटर, फड़ प्रभारी और बारदाना प्रभारी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। धान खरीदी में इतनी सख्ती के बावजूद तमनार प्रबंधक व कर्मचारियों ने मिलकर घपला कर डाला। 15 जनवरी को भौतिक सत्यापन कराया गया जिसमें केंद्र में 20278 क्विंटल धान होना था लेकिन जांच में करीब 17600 क्विंटल ही पाया गया। प्रबंधक निलाद्री पटनायक ने बिचौलियों के साथ मिलकर किसानों के पंजीकृत रकबे पर बोगस खरीदी कर दी। भौतिक सत्यापन में जांच में 6529 बोरी (2611 क्विंटल) धान कम पाया गया।
4054 नए बारदाने अधिक मिले तथा 5980 पुराने बारदाने कम पाए गए। पुलिस ने अपेक्स बैंक ब्रांच मैनेजर की शिकायत पर प्रबंधक निलाद्री पटनायक, कंप्यूटर ऑपरेटर मधुबाला पटनायक, फड़ प्रभारी भरतराम राठिया और बारदाना प्रभारी शिवशंकर भगत के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (4) और 3 (5) के तहत एफआईआर दर्ज की है। तमनार में किसान पंजीयन में भी फर्जीवाड़ा की आशंका है। किसान की वास्तविक जमीन से कहीं अधिक रकबा चढ़ा दिया गया है। इस बार धान खरीदी खत्म होने के पहले ही एफआईआर हो चुकी है। अब सवाल सरकार द्वारा भुगतान किए गए 81 लाख रुपए का है। यह रकम बिना धान के ही दे दी गई।
सेटिंग नहीं होगा तब कराएंगे एफआईआर
तमनार के बाद अब लोइंग और बगुडेगा में भी गड़बड़ी सामने आ चुकी है। लोइंग में करीब 1400 क्विंटल धान कम पाया गया था। तहसीलदार ने इसका प्रतिवेदन कलेक्टर को भेज दिया है। इसके अगले ही दिन अपेक्स बैंक के नोडल पंकज सोढ़ी ने सुपरवाइजर को लोइंग भेजकर घपला छिपा लिया। लैलूंगा के बगुडेगा केंद्र में भी 1255 बोरा धान कम पाया गया है। अब इन दोनों केंद्रों में घपले के जिम्मेदारों के विरुद्ध अपराध दर्ज होना है।