
0 जिला प्रशासन बड़ी तेजी से शहर के एक वार्ड को पंचायत में शामिल करने बना रही योजना
0 वार्ड पार्षद से निगम और जिला प्रशासन ने मांगी है सहमति, औपचारिकता पूरी करने जुटा प्रशासन
रायगढ। प्रदेश का पहला ऐसा मामला होगा जब किसी वार्ड को पंचायत में फिर से विलय करने की तैयारी चल रही है। जी हां 8 साल पहले जिस विजयपुर गांव को रायगढ नगर निगम में शामिल किया गया था अब उस वार्ड को फिर से ग्राम पंचायत में शामिल करने की पूरी तैयारी शुरु हो गई है। जिला प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर है तो वहीं नगर निगम प्रशासन ने विजयपुर वार्ड के पार्षद से सहमति भी मांगी है। यह खबर आश्चर्यचकित कर देने वाला हो सकता है लेकिन यह सत्यता पर आधारित है। जिला प्रशासन पर यह दबाव कहां से आया यह तो जानकारी नहीं हो सकी लेकिन शहर के इस वार्ड को पंचायत में वापस शामिल करने दस्तावेजी पहल शुरु हो चुकी है।
रायगढ नगर निगम में पहले 40 वार्ड हुआ करती थी वर्ष 2012 में शहर के आसपास के 10 गांवों को शामिल कर 8 नए वार्ड बनाए गए थे जिसमें विजयपुर भी शामिल था जो वर्तमान में वार्ड क्रमांक 47 है। इन गांवों को नगर निगम में शामिल करने के बाद भी ये नए वार्ड विकास से अछूते रहे। नगर निगम टेक्स तो वसूल रही है लेकिन नए वार्डाे में शहर की तर्ज पर विकास कार्य नहीं हुआ। ऐसे में नए जुडे वार्डो को वापस गांव में विलय करने की मांग समय समय पर उठती रही है, तात्कालीन भाजपा शासन में इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया लोगों को नए वार्डो के विकास का आश्वासन भर दिया जाता रहा लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही रायगढ नगर निगम के एक वार्ड विजयपुर को वापस ग्राम पंचायत में शामिल करने की सुगबुगाहट शुरु हो गई है। 8 नए वार्डो में से एक ही वार्ड को वापस पंचायत में शामिल करने की तैयारी लोगों को अचरज में जरुर डाल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम को शासन से एक पत्र आया है जिसमें विजयपुर को वापस पंचायत में विलय करने के संबंध में उल्लेखित है। बताया जा रहा है कि शासन की इस मंशा के बाद जिला प्रशासन ने विजयपुर में शहरी विकास नहीं होने को लेकर आधार बनाया है जिसके बाद कलेक्टर ने नगर निगम के महापौर और निगम प्रशासन पर विजयपुर को वापस ग्राम पंचायत में विलय करने की संबंधी औपचारिकता को प्राथमिकता के साथ पूरी करने कहा है। नगर निगम प्रशासन ने बकायदा विजयपुर वार्ड क्रमांक 47 के पार्षद पदुम परजा से लिखित में सहमति देने को कहा है। हालाकि अभी तक पार्षद की ओर से सहमति नहीं दी गई है लेकिन पत्र व्यवहार का दौर पार्षद की तरफ से शुरु हो चुका है। बहरहाल प्रशासन एक ही वार्ड को वापस पंचायत में क्यो शामिल करना चाहती है यह अभी तक स्पष्ट नही हो सका है, जो लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है।
*एमआईसी से प्रस्ताव पास कर शासन को भेजने की तैयारी*
विजयपुर वार्ड को वापस पंचायत में शामिल करने इतनी तेजी से तैयारी चल रही है कि बहुत जल्द ऐसा भी संभव है कि उक्त मामले में एमआईसी से प्रस्ताव पास कर शासन को भेजने की भी तैयारी की जा रही है, जिला प्रशासन के मंशानूरुप महापौर भी इस मामले को गंभीरता से ले रहीं हैं। निगम प्रशासन भी चाहता है कि जल्द से जल्द विजयपुर को पंचायत में विलय करने की औपचारिकता पूरी हो जाए। ऐसे में यह तर्क अतिश्योक्ति नहीं होगा कि विजयपुर को वापस पंचायत में शामिल करने एमआईसी से प्रस्ताव पास करा लिया जाए।
*2012 में 10 गांव को मिलाकर बनाया गया था 8 वार्ड*
वर्ष 2012 में नगर निगम सीमा से जुडे 10 गावों को मिलाकर 8 नए वार्ड बनाए गए थे। जिन गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था उसमें विजयपुर, बोईरदादर, उर्दना, अमलीभौना, पतरापाली, छातामुडा, सहदेवपाली, भगवानपुर, गोरखा व सराईपाली शामिल थे। नए जुडे वार्डो में विकास नगण्य है ऐसे में समय समय पर इन नए वार्डो को वापस गांव में विलय करने की मांग उठती रही है लेकिन जो सुगबुगाहट चल रही है उसमें 1377 जनसंख्या वाले विजयपुर वार्ड क्रमांक 47 को ही वापस पंचायत में विलय करने की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है।
*कहीं उद्योगों को राहत देने की तैयारी तो नहीं*
नगर निगम में 10 गांव के 8 नए वार्ड बनने के बाद कई उद्योग नगर निगम सीमा की जद में आ गए हैं। इन उद्योगों से नगर निगम को टेक्स वसुलना है। कई उद्योगों का करोडों रुपये टैक्स भी बकाया है ऐसे में विजयपुर को पंचायत में शामिल करने की सुगबुगाहट के साथ ऐसी भी चर्चा है कि कहीं इन उद्योगों को टेक्स से राहत देने के लिए तो इस तरह की तैयारी नहीं की जा रही है। यदि विजयपुर को पंचायत में शामिल करने की योजना साकार हो जाती है तो फिर कई वार्डों से भी इस तरह की मांग आ सकती है ऐसे में कुछ उद्योगो को भारी भरकम टेक्स में राहत मिल सकती है।
*पार्षद को पार्षदी छीन जाने का डर*
वार्ड क्रमांक 47 विजयपुर को पंचायत में शामिल करने की सुगबुगाहट के साथ ही पार्षद पदुम परजा को अपनी पार्षदी छीन जाने का भी डर है। पार्षद बने अभी सालभर भी नहीं हुआ है एसे में जिला प्रशासन की मंशा से पार्षद भी असमंजस्य की स्थिति में है। यही वजह है कि अभी तक पार्षद ने अपनी सहमति नहीं दी है। पार्षद आज कल में अपने सहमति या असहमति को लेकर पत्र प्रशासन को सौंपने की तैयारी में है।
*वर्सन*
पूर्व में जब विजयपुर पंचायत को भंग कर नगर निगम में शामिल किया गया था तब तात्कालिन सरपंच मनीष शर्मा का महज दो साल में ही कार्यकाल समाप्त कर दिया गया था अब उसी तर्ज पर राज्य सरकार विजयपुर को फिर से पंचायत में शामिल कर मुझ जैसे आदिवासी जनप्रतिनिधि को पद से पृथक कर देना चाहती है।
पदुम परजा, पार्षद विजयपुर
वर्सन
अभी मेरे पास किसी तरह का प्रस्ताव शासन प्रशासन से नहीं आया है यदि पार्षद चाहते हैं तो उस आधार पर नियमानूसार कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती जानकी काटजू
महापौर