बिलासपुर। आध्यात्मिक नगरी रतनपुर के श्री भैरव बाबा मंदिर में भैरव जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। मंगलवार को देशभर से आए साधु संतों ने विश्व कल्याण के लिए महायज्ञ में आहुति दी। उन्होंने बताया कि वेदों में जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि, वनस्पति, अंतरिक्ष, आकाश के प्रति असीम श्रद्धा प्रकट करने पर अत्यधिक बल दिया गया है।
तत्वदर्शी ऋषियों के निर्देशों के अनुसार जीवन व्यतीत करने पर पर्यावरण-असंतुलन की समस्या ही उत्पन्न नहीं हो सकती। इसलिए पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर ही जीवन में शांति का संचार किया जा सकता है। आज विश्व में पर्यावरण असंतुलन के कारण मानव समाज पीड़ित है। एक दूसरे को हानि पहुँचाने की मानसिकता ने देशों के बीच युद्ध पैदा कर दिया है इससे मानवता ख़तरे में हैं। ऐसे क्रूर समय में हमें अपने आसपास के वातावरण को पवित्र रखने के ही प्रयास होना चाहिए।
मुख्यपुजारी महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी ने कहा कि जब व्यक्ति में पारमार्थिक प्रवृत्तियाँ जाग्रत होती हैं तब वह व्यक्ति मात्र मनुष्य ही नही, अपितु संस्था अथवा सिद्धान्त बन जाता है। जैसे ही आप सेवा के लिए प्रस्तुत होते हैं, तब आप अनन्त हो जाते हैं। हमारे पास जो कुछ भी है उनमें सबके अंश भी समाहित है। वृक्ष, धरती, अम्बर, अग्नि, जल, पवन प्रकाशादि के रूप में परमात्मा स्वयं भी सेवा और पारमार्थिक कार्यों में ही संलग्न है।
पंडित अवस्थी ने कहा कि जो व्यक्ति धर्म के पथ पर चलकर नियम व नीति से जीवन जीता है, सुख स्वयं उसके पीछे दौड़े चले आते हैं, क्योंकि बिना नीति से, नियम से, मूल्य से, सिद्धान्तों एवं परम्पराओं से व्यक्ति अधूरा रहता है। इसलिए मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। अतः सात्विक निष्काम सेवा से ही जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रयागराज और जोधपुर अलखधाम आश्रम के महामंडलेश्वर श्री श्री 108 प्रदीप गिरी महाराज ने कहा कि सन्त-सत्पुरुषों का सदा से ही यह प्रयास होता है कि लोगों का यह लोक तो सुधरे ही साथ ही उनका परलोक भी सुधर जाये। अतः राष्ट्र सेवा, माता-पिता सेवा, सभी प्राणियों की सेवा को धर्म समझें। केवल मानवजाति की ही नहीं, बल्कि विश्व के समस्त जीव-जन्तुओं की सेवा आवश्यक है। अतः सेवा के माध्यम से सभी प्राणियों के संरक्षण से ही विश्व में स्थिरता, पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ सम्पूर्ण संसार की रक्षा सम्भव है।
इधर पूजन सफल बनाने मे पं. दिलीप दुबे, पं राजेश्वर मिश्रा, महेश्वर पाण्डेय, पं. राजेंद्र दुबे,
पं. कान्हा तिवारी विक्की अवस्थी, सोनू, आचार्य गिरधारी लाल पाण्डेय, पं. अवनीश मिश्रा, पं. बल्ला दुबे, पं. गौरीशंकर तिवारी, पं. राम सुमित तिवारी , यशवत पाण्डेय, करा रहे हैं। वही
151 कन्या पूजा ब्राह्मण पूजा के साथ महाभंडारे का आयोजन किया जायेगा।