रायगढ़ 26/08/25
सनातन धर्म में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा चुका है। वहीं, अब राधाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जो इस बार 31 अगस्त को है, इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़ द्वारा मरीन ड्राइव के कोलता समाज के सामुदायिक भवन में राधाष्टमी मनाई जा रही है। पखवाड़े भर पहले इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़ ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को महामहोत्सव के रूप में मनाया था जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए थे। इसी तरह राधाष्टमी को भी इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़ बड़े धूमधाम से मनाता है।
मान्यता है कि राधारानी की सेवा के बिना भगवान कृष्ण की भक्ति अधूरी मानी जाती है। ऐसे में राधाष्टमी के दिन श्रीमती राधारानी की आराधना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस खास तिथि को श्रीमती राधा रानी का अवतरण हुआ था। राधाष्टमी के मौके पर राधा जी के साथ कृष्ण जी की पूजा भी की जाती है।
इस्कॉन प्रचार केंद्र के प्रभारी कमल किशोर दास ने बताया कि
राधाष्टमी श्रीमती राधारानी जी का प्राकट्य दिवस है। इस दिन श्री राधा जी के पूजन एवं आरती से भगवान कृष्ण का विशेष अनुग्रह प्राप्त होता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्री राधा रानी का जन्म मथुरा के बरसाना में हुआ था। इसलिए इस दिन को राधाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी के बाद भाद्रपद माह में ही राधाष्टमी के त्योहार को मनाया जाता है। इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़ द्वारा मरीन ड्राइव रोड स्थित कोलता समाज सामुदायिक भवन में राधाष्टमी दिन रविवार को सुबह 5:00 बजे मंगला आरती उसके बाद 7:30 बजे दर्शन आरती, सुबह 9:00 से हरि नाम संकीर्तन के बाद 11:00 बजे अभिषेक होगा। तत्पश्चात श्रीमती राधारानी जी की कथा, भोग अर्पण एवं महाआरती दोपहर 12:30 बजे से की जाएगी। इसके बाद आयोजन में आए हुए सभी श्रद्धालुओं के बीच दोपहर 1:00 बजे से महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा
*श्रीजी को सेवा, सर्वोतम सेवा*
इस्कॉन प्रचार केंद्र रायगढ़ के सदस्य सतीश पाण्डेय ने बताया कि राधा रानी भगवान की तीन शक्तियों (अंतरंग, बहिरंग व तटस्थ) में अंतरंग शक्ति है। श्रीमती राधारानी और श्रीकृष्ण में कोई अंतर नहीं है। बिना राधारानी की कृपा से कृष्ण भक्ति प्राप्त नहीं हो सकती। वे गोलोक धाम वृंदावन की स्वामिनी हैं। राधा रानी स्वयं भगवान की आह्लादिनी शक्ति हैं, जो नित्य प्रेम स्वरूप भगवान की सेवा में रत रहती हैं। इन्हें श्री जी के नाम से भी जाना जाता है। ब्रज की मालिकन होने के कारण इन्हें ब्रजेश्वरी भी कहते हैं, बिना राधा रानी की अनुमति के ब्रज क्षेत्र में प्रवेश करना असंभव है। उन्होंने अंत में सभी लोगों से अपील की है कि आप इस्कॉन के राधाष्टमी महोत्सव में आएं और भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी के पूजन का अवसर पाएं।
*क्या है इस्कॉन*
इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) प्रचार केंद्र हरे कृष्ण आंदोलन के तहत एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो भक्ति योग और कृष्ण भावनामृत को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। राजा महल के सामने पल्लवी महल में बीते 3 साल से केंद्र खुला हुआ है जहां हर दिन भक्तिमय माहौल में भजन कीर्तन और नाम संकीर्तन के आयोजन होते हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। केंद्र में नियमित रूप से प्रवचन और व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं, जिनमें श्रीमद्भगवद्गीता और अन्य वैदिक ग्रंथों की शिक्षाओं पर चर्चा की जाती है। इस्कॉन प्रचार केंद्र में प्रसाद और साहित्य का वितरण किया जाता है, जिससे लोगों को कृष्ण भावनामृत के बारे में जानने का अवसर मिलता है।