रायगढ़:- 23.11.2024
प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी के निर्देशन में, जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ घरघोड़ा के महिला नेतृत्व ने छर्राटांगर में लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया से भेंट कर लंबित मांगों का ज्ञापन सौंपा तथा त्वरित निराकरण की मांग रखी। गांव/विकासखंड/जिले में कार्यरत एन.एच.एम. कर्मचारी अपने परिवार सहित निरंतर 24 घंटे सेवा प्रदान करते आ रहे हैं पर इनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है, इसलिए इन्होंने अपने सांसद से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी बहुत लंबे समय से लगातार अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है, एन.एच.एम. के ग्रेड-पे निर्धारण तथा लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि सहित 18 सूत्रीय मांगों के लिए, इस वर्ष जुलाई में दो-02 दिवस का ध्यान-आकर्षण प्रदर्शन किया गया था, साथ ही मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य-मंत्री सहित विभिन्न मंत्रियों से लगातार भेंट कर अपना ज्ञापन दीजिए थे।
एन.एच.एम. कर्मचारी लंबे समय से आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप-स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ केंद्र, जिला अस्पताल सहित सुदूर वनांचल क्षेत्र में लंबे समय तक अपनी सेवा देते आ रहे हैं। 19 जुलाई 2023 को विधानसभा में घोषित 27 प्रतिशत संविदा वेतन-वृद्धि समस्त सह 37,000 संविदा कर्मचारियों को एकमुश्त वृद्धि की घोषणा थी, जो आज दिनांक तक एन.एच.एम. संविदा कर्मचारियों को अप्राप्त है, उक्त वेतन वृद्धि का लाभ स्वच्छता मिशन, मनरेगा, समग्र शिक्षा विभाग को मिल गया है।
वर्तमान में कार्यस्थल में कार्य की अधिकता तथा हो रहे शोषण से भी समस्त एन.एच.एम.संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में रोष व्याप्त हैं। सरकार बनने के 100 दिवस में, उक्त संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं को हल करने तथा नियतिकरण/स्थाईकरण/संविलियन की बात कही गई थी, सरकार बने एक-01 साल से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है।
स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग में कार्यरत समस्त एनएचएम कर्मचारी राष्ट्रीय तथा राज्य गुणवत्ता पूर्ण कार्य जैसे एन. क्यू.ए.एस. तथा कायाकल्प में राज्य का मान बढ़ा रहे हैं, विभिन्न बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, उल्टी-दस्त तथा अन्य मौसमी बीमारियों, आयुष्मान कार्ड बनाना, सिकल-सेल स्क्रीनिंग, टीकाकरण कार्य, हेल्थ मेलमेंा आयोजन, गांव में ओपीडी संचालन, प्रसव पूर्व जांच, प्रसव काउंसलिंग आदि निरंतर 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि शासन के सभी कार्य निरंतर समय-सीमा में संपादित करने के बावजूद सरकार हमें 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि नहीं दे रही है तथा हमारी 18 सूत्री मांगों पर कोई पहल सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिससे दोनों दिन कर्मचारी में निराशा तथा आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
सांसद महोदय को ज्ञापन देने में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों की भी भागीदारी रही जो अपने बच्चों के साथ उपस्थित रही एवं उन्होंने एक स्वर में अपने लंबित मांगों के शीघ्र निराकरण की बात कही, आज के ज्ञापन में डॉक्टर कामिनी गुप्ता, मंजूलता कुजूर, पंखोजनी गुप्ता, पूनम तिर्की, मनीषा साहू, चंद्रभान सिदार, सरिता सिदार, रोहित कुमार साहू, शकुंतला यादव, ऋचा सिदार, उर्वशी सिदार, समरेश नंदे, विनीता नायक, सुनीत कुजूर, गीता तिर्की, चूड़ामणि पटेल तथा अन्य साथी उपस्थित रहे।