सौरभ श्याम संगीत सृजन केद्र ने कलागुरू वेदमणि सिंह ठाकुर के साथ नवोदित संगीत साधकों का किया सम्मान
रायगढ़।
रायगढ़ के नवोदित संगीत साधकों को प्रोत्साहित कर उन्हें प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से संगीत क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाली संस्था सौरभ श्याम संगीत सृजन केंद्र बोईरदादर, रायगढ़ द्वारा अपनी चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर रायगढ़ के संगीत शिरोमणि कला गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर ‘बेदम’ के मुख्य आतिथ्य एवं प्रतिष्ठित संगीतकार श्याम कुमार चंद्रा सक्ती के विशिष्ट आतिथ्य में कला गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर को चक्रधर सम्मान से नवाजे जाने पर संस्था की ओर से विशेष अभिनंदन करते हुए स्थानीय कलाकारों को प्रस्तुति अवसर देकर उनका भी सम्मान किया गया ।
रामलीला मैदान समीपस्थ गौशाला के पास होटल जानकी वाटिका के सभा कक्ष में संपन्न कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज कल्याण विभाग के उप संचालक विनय तिवारी एवं इस विभाग के कार्यपालिक प्रमुख कलाकार सुशील कुमार सिंह, एनएसएस जिला संगठक मानस प्रवक्ता भोजराम पटेल, प्रतिष्ठित तबला वादक गरीबदास महंत की विशेष उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं नाद ब्रह्म भगवान श्रीकृष्ण जी की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया तत्पश्चात सूर्यकांत त्रिपाठी निराला रचित सरस्वती वंदना -वर दे वीणावादिनी वर दे… गीत की प्रस्तुति सौरभ श्याम संगीत विद्यालय के छात्र – छात्राओं द्वारा समवेत स्वरों में दी गई एवं अतिथियों का स्वागत संस्था के केंद्र अधीक्षक उग्रसेन पटेल एवं संचालक हेमकांति पटेल द्वारा किए जाने के पश्चात संगीतबद्ध गीत के माध्यम से विशेष अभिनंदन किया गया जिसमें कु.पूर्वा डनसेना, हनी डनसेना, मीनाक्षी शर्मा, संस्कृति मेहरा, पर्ल मोटवानी, मेघा अग्रवाल, प्रणव अग्रवाल, सम्यक अग्रवाल ने स्वर दिया । संगीत कार्यक्रम का शुभारंभ पर्ल मोटवानी द्वारा राग जैजैवंती में बंदिश बड़ा ख्याल छोटा ख्याल और तराना से की गई । श्याम भजन – मन मेरा बोले श्याम की बेहतर प्रस्तुति मेघा प्रणव एवं सम्यक अग्रवाल द्वारा देते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया तत्पश्चात लोकेश डनसेना ने झपताल – स्वतंत्र वादन सोलो बजा कर तबला मे अपनी कला साधना की प्रस्तुति दी । कला गुरु वेदमणि सिंह ठाकुर द्वारा रचित कर्मा गीत – होगे गोधूलि बेला दीया ला तै बार गोई … की प्रस्तुति उग्रसेन पटेल के निर्देशन में उनके छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई । इस अवसर पर भोजराम पटेल द्वारा छत्तीसगढ़ी देश भक्ति गीत – महक मारे भैया रे ये भुईयां के माटी… की प्रस्तुति से उपस्थित जनों को विशेष रूप से प्रभावित किया गया। कत्थक नृत्य की प्रस्तुति आयत कथक अकैडमी के संचालक तब्बू परवीन के मार्गदर्शन में विभूति शर्मा, शताक्षी सोनी एवं पूर्वा डनसेना द्वारा बेहद खुबसुरती से प्रस्तुत किया गया वहीं अनुजा बाजपेई के वेस्टर्न डांस की कलात्मक प्रस्तुति को देखकर उपस्थित जन विशेष रूप से प्रभावित हुए ।
कार्यक्रम में उपस्थित श्याम संगीत संस्थान सक्ती के संचालक संगीतज्ञ श्यामकुमार चंद्रा एवं उनकी अर्धांगिनी सूर्या चंद्रा द्वारा केन्द्र अधीक्षक उग्रसेन पटेल को काव्यमय विशेष सम्मान पत्र भेंटकर संस्था के चतुर्थ स्थापना दिवस की शुभकामना दी गई अपने उद्बोधन में उन्होंने संस्था के गतिविधि संगीत के क्षेत्र में सक्रियता की सराहना की । इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि विनय तिवारी ने भी अपने उद्बोधन में संगीत के बिना जीवन को अधूरा बताते हुए अपना अनुभव साझा किया रायगढ़ के रंगकर्मी एवं वरिष्ठ पत्रकार युवराज सिंह आजाद ने श्याम संगीत सृजन केंद्र के कला यात्रा को अपने पुराने दिनों के संस्मरण अनुभवों को साझा करते हुए उपस्थित जनों के समक्ष रखा। रायगढ़ के प्रख्यात कलागुरु एवं संगीत शिरोमणि वेदमणि सिंह ठाकुर ने सभी कला साधकों को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि संगीत से जुड़ना ईश्वर से जुड़ने के समान है जिस प्रकार व्यक्ति अपने अंतिम समय में भगवान के नाम को सुनकर मुक्ति प्राप्त कर लेता है उसी प्रकार संगीत को सुनकर मन को शांति मिलती है भले ही आप उसका विशेष ज्ञान और समझ रखते हो या नहीं .. यह जरूरी नहीं हैकला गुरु ने अपने उम्र के इस पड़ाव में भी संगीत के प्रति समर्पण का संकल्प लेते हुए कहा कि आज जो भी मेरे शिष्य हैं वाह मेरे संगीत साधना रूपी वटवृक्ष की शाखाएं हैं ।
*इन कलाकारों का किया गया विशेष सम्मान…*
सौरभ श्याम संगीत सृजन केंद्र रायगढ़ के चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर जहां कला गुरु लक्ष्मण संगीत विद्यालय के प्राचार्य वेदमणि सिंह ठाकुर जी का विशेष अभिनंदन किया गया वहीं प्रतिष्ठित संगीतज्ञ श्याम कुमार चंद्रा जिला सक्ती, के साथ समाज कल्याण विभाग उप संचालक विशिष्ट अतिथि विनय तिवारी, सुशील कुमार सिंह, रंगकर्मी पत्रकार युवराज सिंह आजाद, भोजराम पटेल, मीडिया परसन श्याम देवकर, संस्था के इन्ट्रोड्यूसर श्री तनय जैन कला गुरु पूजा जैन, तब्बू परवीन, देवताले मैडम, तबला वादक, गरीब दास महंत,नवोदित संगीत साधकों में पर्ल मोटवानी, मेघा अग्रवाल प्रणव अग्रवाल, सम्यक अग्रवाल, पूर्वा डनसेना, हनी डनसेना, लोकेश डनसेना संस्कृति मेहरा,मीनाक्षी शर्मा, विभूति शर्मा, शताक्षी सोनी अनुजा बाजपेई एवं रागिनी ठाकुर को संस्था की ओर से प्रतीक चिन्ह देकर विशेष सम्मान किया गया ।कार्यक्रम में संगीत प्रशिक्षु विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी विशेष रूप से उपस्थित थे ।