रायगढ़। जिले का अडानी पावर लिमिटेड आज एक बार फिर सुर्खियों में आया है। यहां के भूतपूर्व कर्मचारी ने कंपनी पर प्रताडऩा का आरोप लगाया और इच्छा मृत्यु की मांग की है। पीडि़त का कहना है कि कंपनी ने उसकी जमीन भी अधिग्रहित कर ली और बदले में डेढ़ साल नौकरी करा कर षडयंत्र पूर्वक नौकरी से निकाल दिया। पीडि़त ने यह भी बताया कि कलेक्टर जनदर्शन में पहले भी कई बार वह आवेदन दे चुका था। इस बार उसने अपने आवेदन में इच्छा मृत्यु की मांग की थी। जिसे रायगढ़ जिला कलेक्टर ने लेने से मना कर दिया।
जिले के पुसौर तहसील अंतर्गत ग्राम बड़े भंडार निवासी चिंतामणी प्रधान ने अडानी पावर लिमिटेड छोटे भंडार प्रबंधन और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जिला कलेक्टर को जनदर्शन में कई बार आवेदन दे चुका है। आवेदक का कहना है कि कंपनी के प्रोजेक्ट हेड धनंजय सिंह ठाकुर और अन्य अधिकारियों की प्रताडऩा से वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया है।
चिंतामणी प्रधान ने बताया कि उन्हें साजिशन चोरी के झूठे आरोप लगाकर जबरन कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए और नौकरी से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कभी भी स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि कंपनी प्रबंधन द्वारा षड्यंत्रपूर्वक बाहर किया गया। आवेदक के अनुसार, अधिग्रहित भूमि देने के बाद भी न तो उन्हें नौकरी में पुनर्नियुक्ति दी गई और न ही योजना के तहत पांच लाख रुपये का लाभ प्रदान किया गया।
इसके बाद रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया के अनुमोदन पर कंपनी द्वारा उन्हें नौकरी पर रखने का वादा दिया। लेकिन नौकरी नहीं दी गई। कलेक्टर जनदर्शन में वह पहले भी पांच- छह बार आवेदन दे चुका है।
श्री प्रधान ने आरोप लगाया कि कंपनी के कई अधिकारी, जिनमें पूर्व एचआर हेड, प्लांट हेड और सिक्योरिटी हेड शामिल हैं, उनके खिलाफ झूठे दस्तावेज बनाकर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं। आज कलेक्टर जनदर्शन में इसी तरह की प्रताडऩाओ से तंग आकर उसने अपने आवेदन में इच्छा मृत्यु की मांग की। जिसे कलेक्टर ने कड़े शब्दों में लेने मना कर दिया।